आपको बता दें कि आयकर विभाग ने कंपनी के दफ्तर पर भी तलाशी ली थी। यह कंपनी दो साल से अधिक समय से भारत सरकार की एफडीआई मंजूरी का इंतजार कर रही थी।
आपको बता दें कि आयकर विभाग ने कंपनी के दफ्तर पर भी तलाशी ली थी। यह कंपनी दो साल से अधिक समय से भारत सरकार की एफडीआई मंजूरी का इंतजार कर रही थी।
चीन की सबसे बड़ी वाहन निर्माता SAIC मोटर ने गुरुवार को सज्जन जिंदल के JSW समूह के साथ एक ज्वाइंट वेंचर समझौता किया। इसके तहत JSW समूह के पास भारतीय ज्वाइंट वेंचर के परिचालन में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। हालांकि, दोनों कंपनियों ने यह नहीं बताया है कि क्या एक नई ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई जाएगी या जेएसडब्ल्यू SAIC मोटर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एमजी मोटर इंडिया में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। एमजी मोटर एक ब्रिटिश ब्रांड है जिसका स्वामित्व वर्तमान में शंघाई मुख्यालय वाली SAIC मोटर के पास है।
इसी साल हुआ ऐलान: इस साल की शुरुआत में एमजी मोटर इंडिया ने देश में पांच साल के बिजनेस रोडमैप के हिस्से के रूप में अगले 2-4 वर्षों में भारतीय स्थानीय भागीदारों को बहुमत हिस्सेदारी की पेशकश करने की योजना की घोषणा की थी। एमजी मोटर इंडिया पूंजी जुटाने पर विचार भी कर रही है। जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई सीमा झड़पों के मद्देनजर भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के बीच अपने चीनी पैरेंट कंपनी से देश में अधिक पूंजी लाने की इसकी योजना सफल नहीं रही है।
सरकार की सख्ती: पिछले साल नवंबर में, कंपनी को अपने वित्तीय रिकॉर्ड की अनियमितताओं और ऑडिट कमियों को लेकर कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जांच का सामना करना पड़ा और उसे यह बताने के लिए कहा गया कि उसने 2019-2020 में परिचालन घाटा क्यों दर्ज किया। इसके अलावा आयकर विभाग ने कंपनी के दफ्तर पर भी तलाशी ली थी। यह कंपनी दो साल से अधिक समय से भारत सरकार की एफडीआई मंजूरी का इंतजार कर रही थी।